भारत की गेंदबाज़ फलक नाज़ की गरीबी से उबरने से लेकर अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप जीत तक की वीरतापूर्ण यात्रा
अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। पहली बार महिला युवा ब्रिगेड ने भारत के लिए विश्व कप ट्रॉफी उठाई।

फलक नाज़ ने भारत की U19 T20 विश्व कप जीत का जश्न मनाया (गेटी इमेजेज)
इंडिया टुडे वेब डेस्क द्वारा: अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। पहली बार महिला युवा ब्रिगेड ने भारत के लिए विश्व कप ट्रॉफी उठाई। अंडर-19 महिला टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर भारत वर्ल्ड चैंपियन बना।
कप्तान शैफाली वर्मा की अगुआई में युवा महिला टीम ने वह कर दिखाया है जिसका महिला क्रिकेट में लंबे समय से इंतजार था। युवा महिला महिला टीम ने पहला वर्ल्ड कप भारत की झोली में डाल दिया है. जबकि सीनियर महिला क्रिकेट टीम तीन बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची लेकिन कभी जीत नहीं पाई. इस ऐतिहासिक जीत के बाद बीसीसीआई ने अंडर-19 महिला टीम और टीम मेंबर्स को 5 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है.
प्रयागराज की फलक नाज भी अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप का हिस्सा रह चुकी हैं। टीम की इस शानदार जीत से फलकनाज के परिवार वाले भी काफी उत्साहित हैं. वहीं फलक नाज की इस कामयाबी पर पूरे शहर को गर्व है.
फलक नाज दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज और मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं। इससे पहले भी फलक नाज ने पिछले साल न्यूजीलैंड के साथ मुंबई में हुई पांच मैचों की टी20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था.
जिसके बाद उनका चयन अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप के लिए किया गया। फलक नाज के पारिवारिक बैकग्राउंड की बात करें तो वह बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता एक जूनियर हाई स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं।
लेकिन गरीबी के बावजूद परिवार ने बेटी के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और आज उसका सपना सच हो गया है. फलक नाज की मां जीनत बानो गृहिणी हैं। फलक की एक छोटी बहन और एक बड़ा भाई भी है।
बेटी व टीम की जीत पर परिजनों में खुशी की लहर है। पूरा परिवार खुश है। घरवाले एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं। परिवार का सपना है कि फलक नाज अपने खेल में सुधार कर भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाए और देश के लिए वर्ल्ड कप जीते।
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट